प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में 60 साल या उससे अधिक उम्र के करीब 12 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों के लिये भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ मिलकर एक पेंशन योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) नाम की इस पेंशन योजना में बुजुर्ग व्यक्ति कम से कम 1.44 लाख रुपये और अधिकतम 15 लाख निवेश करके दस वर्ष तक मासिक, त्रिमासिक, छह मासिक अथवा वार्षिक पेंशन प्लान चुन सकते हैं। न्यूनतम निवेश पर मासिक 1000 रुपये औऱ अधिकतम निवेश पर मासिक 10,000 रुपये तक की पेंशन पा सकते हैं। इस योजना में निवेश की गई रकम पर सरकार 8 प्रतिशत के हिसाब से वार्षिक रिटर्न भी देती है।
आपको बता दें कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 2003-04 में सर्वप्रथम वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना लॉन्च की गई थी, जिसे मोदी सरकार ने साल 2014-15 के बजट में रिलॉन्च किया था। इसमें 6,66,665 रुपये की एक मुश्त रकम देने पर मासिक 5,000 रुपये की पेंशन दिये जाने का प्रावधान था। इस योजना का 3.31 लाख बुजुर्गों ने लाभ लिया था। बाद में 2017-18 में मोदी सरकार ने इस योजना को नये नाम प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के साथ लॉन्च किया और इसमें एक मुश्त राशि अधिकतम राशि साढ़े सात लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी है। पति और पत्नी दोनों मिलकर 30 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। इस योजना में 10 वर्ष तक अधिकतम 10,000 रुपये तक की मासिक पेंशन मिलती है। साथ ही सरकार की ओर से 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी दिया जाता है।

मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को 4 मई-2017 को जब लॉन्च किया था तब इस योजना में निवेश करने के लिये 3 मई 2018 तक का समय सुनिश्चित किया था। हालाँकि यह अवधि खत्म होने पर सरकार ने अवधि और दो वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च 2020 कर दी है। मार्च-2018 तक 2.23 लाख वरिष्ठ नागरिक इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। इस योजना में ऐसे लोग जुड़ सकते हैं, जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है। इस योजना में कम से कम 1,44,578 रुपये की एक मुश्त राशि रखकर आप अगले दस साल तक 1,000 रुपये की मासिक पेंशन पा सकते हैं। जबकि अधिकतम 15 लाख रुपये की एक मुश्त रकम रखकर अधिकतम 10,000 रुपये की मासिक पेंशन पा सकते हैं। हालाँकि इस योजना में निवेश की जाने वाली रकम आयकर मुक्त नहीं होगी।
आपको बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में कुल आबादी का 9 प्रतिशत यानी 10.38 करोड़ आबादी 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों की है। इतना ही नहीं आश्चर्यजनक बात तो यह है कि पिछले 50 वर्ष में भारत की कुल आबादी जहाँ 3 गुना बढ़ी है, वहीं बुजुर्गों की आबादी 4 गुना से भी अधिक बढ़ी है। पिछले एक दशक में इस आबादी में 39.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है और आने वाले दशकों में यह दर बढ़कर 45 से 50 प्रतिशत तक पहुँचने की संभावना है। यही नहीं, दुनिया में बुजुर्गों की आबादी दुगुनी में जहाँ 100 वर्ष लग गये, वहीँ भारत में मात्र दो दशक में बुजुर्गों की आबादी दुगुनी हो गई।