प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति की सराहना की और कहा कि यह एक आकार को बदल देगा जो पहले की शिक्षा नीतियों के सभी सिद्धांत को फिट करता है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय युवाओं को रोजगार और नौकरियों के क्षेत्र में नई चुनौतियों के लिए तैयार करेगी।
प्रधानमंत्री ने आज Video Conference के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर Governor’s Conference के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में देश भर के 2 लाख से अधिक लोगों के सुझावों को समामेलित किया गया था। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति देश की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है और इसके कार्यान्वयन में न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप और प्रभाव का आह्वान किया गया है।
प्रधान मंत्री ने कहा, नीति के कार्यान्वयन में शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों को शामिल करने से यह अधिक प्रासंगिक और व्यापक आधारित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नीति अध्ययन के बजाय सीखने पर ध्यान केंद्रित करती है और छात्रों में महत्वपूर्ण सोच को बढ़ाती है। उन्होंने कहा, नीति प्रक्रिया के बजाय जुनून, व्यावहारिकता और प्रदर्शन पर अधिक जोर देती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नीति 21 वीं सदी में शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम को परिभाषित करेगी और आत्मनिर्भरता के राष्ट्रीय संकल्प को मूर्त रूप देगी।
उन्होंने कहा कि नीति भारत में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के परिसरों को खोलने का मार्ग प्रशस्त करती है ताकि आम परिवारों के युवा भी उनसे जुड़ सकें। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत सीखने का एक प्राचीन केंद्र रहा है और नई नीति 21 वीं सदी में इसे ज्ञान अर्थव्यवस्था का केंद्र बनाने में मदद करेगी।