प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत वित्तीय लाभ की अगली किस्त Video conferencing के जरिए लाभार्थी किसान परिवारों को जारी की। उन्होंने बटन दबाकर 18 Thousand crores रुपये से अधिक की राशि करीब 9 crores किसानों के खातों में अंतरित की।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने छह राज्यों के लाभार्थी किसानों से बातचीत भी की। किसानों ने पीएम-किसान और अन्य विभिन्न सरकारी कल्याण कार्यक्रमों के बारे में अपने अनुभव मोदी के साथ साझा किए।
किसानों ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत भुगतान मिल चुका है और इससे उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है। एक किसान का कहना था कि प्रधानमंत्री किसान योजना और फसलों में विविधता लाने के कार्यक्रम के तहत वह अपनी उपज को कृषि उपज विपणन समिति की मंडियों से बाहर बेच सकता है और अपने परिवार के लिए अधिक आमदनी कमा सकता है।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 18 Thousand crores रुपये से अधिक की राशि 9 crore किसान परिवारों के खातों में सीधे भेज दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा उन्हें इस बात का दु:ख है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान प्रधानमंत्री किसान योजना का फायदा नहीं उठा सके हैं। उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल के 23 लाख किसानों ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए Online आवेदन किया था। लेकिन राज्य सरकार ने सत्यापन प्रक्रिया रोक दी।
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल नये कृषि कानूनों का विरोध करके अपने राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग अफवाहें और भ्रामक बातें फैला रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर किसानों ने अनुबंध पर खेती की तो उनकी जमीन छीन ली जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा सरकार ने कृषि-लागत कम करने के उद्देश्य से कई कदम उठाएं हैं। किसानों के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीम लेपित यूरिया और सौर पंप जैसी योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों के लिए बेहतर बीमा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई है जिसका फायदा करोड़ों किसानों को मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास भी किया है कि देश के किसान अपनी उपज के लिए सही दाम प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करके सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से डेढ़ गुना अधिक दाम दिलाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने देश की एक हजार से अधिक कृषि मंडियों को ऑनलाइन संपर्क से जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि अब देश में 10 हजार से अधिक किसान -उत्पादक संगठन बनाने और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हाल के सुधारों से सरकार ने किसानों को बेहतर विकल्प उपलब्ध कराए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गांवों में किसानों के जीवन को आसान बनाना चाहती है, लेकिन आज जो लोग किसानों को लेकर लंबे-चौडे भाषण दे रहे हैं, उन्होंने तब कुछ नहीं किया जब वे खुद सत्ता में थे।
इस अवसर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केन्द्र द्वारा जारी की गई राशि से किसानों को बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि एक समय था जब एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार द्वारा भेजे गए एक सौ रुपये में से केवल 15 रुपये गांवों तक पहुंच पाते हैं, लेकिन आज मोदी सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि केन्द्र द्वारा भेजी गई समूची राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंच जाती है।
तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की कि वे अपना आंदोलन वापस ले लें और सरकार के साथ बातचीत को आगे आएं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि किसानों को नए कृषि कानूनों के महत्व का अहसास होगा और उनके मसलों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।