नई दिल्ली: आपको याद होगा मोदी जी अक्सर अपने भाषण के दौरान कहते रहते हैं कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा तो बैंक घोटाला (Bank Scam) कैसे हो गया यह समझ के परे है। आस्तीन का सांप कौन है यह कैसे पता चलेगा?
बता दें कि बहुत से संपादकों का कहना है कि मोदी राज में इतना बड़ा बैंक घोटाला कैसे हो गाया। वैसे देखा जाये तो नीरव मोदी का यह घोटाला कोई समान्य घोटाला नहीं है इसके चलते कई बैंको को भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। सारे नुकसान को जोड़ा जाये तो यह लगभग 30 हजार करोड़ तक पहुचेगा।
बैंक घोटाला (Bank Scam) का ठीकरा किस पर फूटेगा
इस घोटाले के बारे में कभी सोचेंगे तो एक सवाल जहन में आयेगा की यह उस देश में हुआ है जिसके प्रधानमंत्री जी ने अक्सर कहा है कि न मैं खाऊंगा और न खाने दूंगा। इसी के वजह से आज कांग्रेस और विपक्ष के नेता सीधे सीधे केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। कुछ कांग्रेसी नेता कह रहे है कि मोदी मोदी मौसेरे भाई। इस जुमले को लेकर बहुत लोगो को कंफ्यूजन हो रही है कि क्या यह सही है या गलत।
कुछ लोग तो यह भी कह रहे है कि एक मोदी के रहते दूसरा मोदी घोटाला (Bank Scam) करके कैसे भाग गया। वैसे देखा जाये तो कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे से निपटने के लिए समर्थ है लेकिन हम और आप इसमें क्या सोचेंगे। हमें तो यह भी समझ नहीं आ रहा है कि क्या घोटाले का ठीकरा मोदी जी पर फोड़ना सही हैं या ये सोचे कि इसमें बेचारे मोदी जी क्या कर सकते हैं। लेकिन फिर भी सवाल तो यही उठता है न कि मोदी जी के रहते वह कैसे खा गया।
वैसे देखा जाये तो इस मामसे में सरकार से कुछ लापरवाही तो हुई है तभी तो जब स्कैंडल (Bank Scam) का पुरा मामला सामने आया तब जा कर ईडी ने छापे मार की कारवाई शुरू की। इसका मतलब तो ये हुआ ने की नीरव मोदी को भागने के लिए पुरा समय था तभी तो वह देश छोड़कर भाग सका।
अंत में हमारी राय तो यह है कि किसी और की गलती का ठीकरा किसी और पर फोड़ना गलत है जब तक कि सचाई सामने नहीं आ जाती। फिलहाल मामले की जांच चल रही है और जब तक सब कुछ साफ नहीं हो जाता तब तक प्रधानमंत्री को इस आरोप में घसीटना सही नहीं होगा।