काशी के विश्वप्रसिद्ध संकटमोचन संगीत समारोह और बजरंगबली के प्रति आस्था ही थी जो हर बार पंडित जसराज को पवनसुत के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए प्रेरित करती थी। इस साल Corona संक्रमण के कारण जब समारोह का आयोजन Online हुआ तो America के New Jersey से ही पंडित जी ने भावपूर्ण प्रस्तुति दी। Corona संकट का दर्द भी इस दौरान उनकी गायकी में झलका था।
गायन की शुरूआत राग विहाग में “युग-युग चले अचल जग की गति” से की। उन्होंने संकटमोचक से पूरे विश्व को Coronavirus के प्रकोप से मुक्ति दिलाने के लिए प्रार्थना की। गायन के बीच में ही पंडित जी इतने भावुक हो गए कि बजरंग बली से अरज (विनती) करते हुए पूछा कि आपने सुना न मेरे बाबा…।
दरअसल, पंडित जी जब “हनुमान लला मेरे प्यारे लला” भजन गा रहे थे तो उनकी आंखें छलकने लगीं और आंसू बहने लगे। Online program देख रहे दर्शक भी पंडित जी को देख भावुक हो गए। हालांकि, कैमरे के पीछे मौजूद पंडित जी की पुत्री दुर्गा जसराज ने उन्हें संभाला। इस कार्यक्रम को एक लाख 71 हजार 347 लोग Live सुन रहे थे।
जब पंडित जी ने गाना शुरू किया तब तकनीकी गड़बड़ी की वजह से प्रसारण बाधित हो गया। वीडियो तो चल रहा था लेकिन आवाज नहीं आ रही थी। ऐसे में श्रोताओं की व्याकुलता Comment Box में आ रहे Comment से साफ जाहिर हो रही थी।
कई लोगों ने कमेंट किए Please Check Audio, तो कोई लिखता आवाज नहीं आ रही। इसी बीच किसी ने लिखा धैर्य का फल मीठा होता है। जल्द ही सुरीला स्वर मुखर होगा। संकटमोचन संगीत समारोह की यह प्रस्तुति ही उनकी आखिरी प्रस्तुति हो गई।