रिपोर्ट : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद 12 अगस्त, 2019 (युवाPRESS)। विकास विरोधी धारा 370 से मुक्त हुए जम्मू-कश्मीर के लिए एक और गुजराती ने अपना दिल और अपना खजाना खोल दिया है। पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभूतपूर्व राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए जम्मू-कश्मीर में 72 वर्षों से लागू धारा 370 हटाने का साहसिक निर्णय किया और फिर गृह मंत्री अमित शाह ने भारी उत्साह और संभावित विकास के पूरे खाक़े के साथ संसद में सरकार के इस निर्णय की उद्घोषणा की। इतना ही नहीं, शाह ने संसद में यहाँ तक कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए वो 100 करोड़ मांगेंगे, हम 110 करोड़ रुपए देंगे। हमारे प्रधानमंत्रीजी का दिल बहुत बड़ा है।’ इसके बाद मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में भी जम्मू-कश्मीर को विकास के नए पंख लगाने की अपनी मंशा देश और जम्मू-कश्मीर के लोगों के समक्ष रखी।
यहाँ कहने की आवश्यकता नहीं है कि मोदी और शाह दोनों ही गुजराती हैं। इन दोनों गुजरातियों के बाद अब एक और गुजराती ने जम्मू-कश्मीर के लिए अपना दिल और खजाना खोल दिया है। इनका नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है, क्योंकि ये भारत के सबसे अमीर उद्योगपति हैं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं मुकेश अंबाणी की, जो मूलत: गुजराती हैं और रिलायंस इण्डस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के संस्थापक अध्यक्ष व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (FOUNDER & CEO) हैं।
कश्मीर का नाम आते ही तालियों की गड़गड़ाहट
दरअसल समवार को आरआईएल की वार्षिक साधारण बैठक (AGM) थी, जिसे संबोधित करते हुए मुकेश अंबाणी ने कई बड़ी घोषणाएँ कीं, जिनमें जियो, ऑइल सेक्टर सहित कई अन्य बड़ी नीतियाँ शामिल थीं, परंतु सबसे अधिक तालियों की गड़गड़ाहट तब सनाई दी, जब मुकेश अंबाणी ने जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किया। जैसे ही अंबाणी के मुँह से कश्मीर शब्द सुनाई दिया, मौजूद लोगों ने जोरदार तालियाँ बजाईं। अंबाणी ने सबसे पहले तो पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च आरआईएल द्वारा उठाए जाने की घोषणा की। इसके बाद मुकेश अंबाणी ने निवेश संबंधी घोषणा करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए विज़न को देखते हुए हमारी कंपनी ने वहाँ निवेश करने का निर्णय किया है। इसके लिए अभी टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो इस पर काम करेगा। हम शीघ्र ही वहाँ निवेश को लेकर अपने प्लान जारी करेंगे।’