Cambridge, Harvard, Oxford, IIM, IIT, BIT, NIT भी नहीं कर पाते ऐसा प्लेसमेंट
विश्लेषण : कन्हैया कोष्टी
अहमदाबाद, 18 जून, 2019 (युवाप्रेस.कॉम)। आप शिक्षा ग्रहण करते हैं, तो किसलिए ? पुराने युगों की बात और थी, परंतु आज के आधुनिक युग में तो हर कोई जानता है कि शिक्षा ग्रहण करने और बड़ी-बड़ी डिग्रियाँ पाने का एकमात्र उद्देश अच्छे से अच्छी जॉब और उच्चतम् सैलरी पैकेज होता है। भारत सहित पूरी दुनिया में अनेक शैक्षणिक संस्थान हैं, जहाँ से पढ़ाई करने पर ऊँची सैलरी वाली जॉब मिलती है, तो कई हजारों-लाखों की संख्या में प्लेसटमेंट एजेंसियों का भी जाल फैला हुआ है, जो नवयुवकों को बढ़िया पैकेज वाली जॉब दिलाने का काम करती हैं।
परंतु क्या आप जानते हैं कि आधुनिकता की इस दौड़ में एक ऐसा भी संगठन है, जहाँ से शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले व्यक्ति को ऐसी जॉब मिलती है, जिसके आगे बड़ी-बड़ी प्लेसमेंट एजेंसियों की नियुक्तियाँ भी पानी भरती हैं। भारत की इस देशी संगठन से निकले लोग आज जिस तरह ऊँचे-ऊँचे पदों पर बैठे हैं, उसे देख कर कैम्ब्रिज युनिवर्सिटी, हार्वर्ड युनिवर्सिटी, ऑक्सफॉर्ड युनिवर्सिटी जैसे विदेशी ही नहीं, अपितु आईआईएम, आईआईटी, बीआईटी और एनआईटी जैसे भारतीय शिक्षा संस्थान भी दंग रह गए हैं।

आइए, अब आपको बता देते हैं कि भारत में कार्यरत् इस देशी शिक्षण-प्रशिक्षण-रोजगार-नियुक्ति में जुटे इस संगठन का नाम क्या है ? इसका नाम है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS। यह संगठन पिछले 93 वर्षों से भारत में सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति, एकजुट हिन्दुत्व, राष्ट्र सेवा जैसे कार्यों के लिए कार्यरत् है। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग सेवा (BBC) के अनुसार संघ दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है।
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से लेकर जन-जन तक प्लेसमेंट

अब आप सोच रहे होंगे कि हम 27 सितम्बर, 1925 को विजया दशमी यानी दशहरा के दिन स्थापित आरएसएस को सबसे बड़ी देशी प्लेसमेंट एजेंसी क्यों बता रहे हैं, तो तनिक आप ही सोचिए कि भारत में वर्तमान में सर्वोच्च संवैधानिक पद से लेकर जन-जन तक राष्ट्र सेवा में जुटे लोगों में करोड़ों लोग आरएसएस यानी संघ से शिक्षण-प्रशिक्षण लेकर निकले हुए हैं। संघ का प्लेसमेंट वर्तमान काल खंड में इतना व्यापक है कि किसी भी देशी या विदेशी प्लेसमेंट एजेंसी उसे स्पर्श तक नहीं कर सकती। यह बात और है कि संघ से शिक्षित-प्रशिक्षित लोगों को सैलरी पैकेज बड़े नहीं मिल रहे, परंतु पद और प्रतिष्ठा के मामले में अन्य एजेंसियों से कहीं आगे है आरएसएस।
आप भी देखिए संघ से निकले कौन-कौन लोग किन-किन पदों पर कार्यरत् हैं :
रामनाथ कोविंद : राष्ट्रपति
वेंकैया नायडू : उप राष्ट्रपति
नरेन्द्र मोदी : प्रधानमंत्री
अमित शाह : गृह मंत्री
राजनाथ सिंह : रक्षा मंत्री
मोदी मंत्रिमंडल के कई अन्य सदस्य
29 से अधिक स्वयंसेवक : राज्यपाल
16 से अधिक स्वयंसेवक : मुख्यमंत्री
290 से अधिक स्वयंसेवक : लोकसभा सांसद
70 से अधिक स्वयंसेवक : राज्यसभा सांसद
1400 से अधिक स्वयंसेवक : विभिन्न राज्यों में विधायक
1 लाख शाखाएं
15 करोड़ स्वयंसेवक
2 लाख सरस्वती विद्या मंदिर
5 लाख आचार्य
1 करोड़ विद्यार्थी
2 करोड़ भारतीय मजदूर संघ सदस्य
1 करोड़ ABVP के कार्यकर्ता
15 करोड़ भाजपा सदस्य
1200 प्रकाशन समूह
9 हजार पूर्णकालिक सदस्य
7 लाख पूर्व सैनिक परिषद
60 लाख विश्व हिन्दू परिषद् सदस्य (पूरे विश्व में)
30 लाख बजरंग दल के सदस्य
1.5 लाख संघ स्वयंसवेक
आरएसएस के बैनर तले कार्यरत् संगठन

वनवासी कल्याण आश्रम, वनबंधु परिषद, संस्कार भारती, विज्ञान भारती, लघु उद्योग भारती, सेवा सहयोग, सेवा इंटरनॅशनल, राष्ट्रीय सेविका समिति, आरोग्य भारती, दुर्गा वाहिनी, सामाजिक समरसता मंच, ऑर्गेनाजर, पाञ्चजन्य, श्रीरामजन्म भूमि मंदिर निर्माण न्यास, दीनदयाल शोध संस्थान, भारतीय विचार साधना, संस्कृत भारती, भारत विकास परिषद, जम्मू-कश्मीर स्टडी सर्कल, दृष्टि संस्थान, हिंदू हेल्पलाइन, हिंदू स्वयंवसेवक संघ, हिंदू मुन्नानी, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भारतीय किसान संघ, विवेकानंद केंद्र, तरुण भारत, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, हिंदुस्थान समाचार, विश्व संवाद केंद्र, जनकल्याण रक्तपेढी, इतिहास संकलन समिति, स्त्री शक्ति जागरण, एकल विद्यालय, धर्म जागरण मंच, भारत भारती, सावरकर अध्यासन, शिवाजी अध्यासन, पतित पावन संघटना, हिंदू एकता और ऐसी कई अनेक संस्थाएँ।