देश में सस्ती Sanitary Napkins को लेकर अभियान चलाने वाले Arunachalam Muruganantham के जीवन पर जल्द ही एक फिल्म “PadMan” रिलीज होने जा रही है। लेकिन लगता है कि भविष्य में इस विषय पर एक और फिल्म बनाने की जरुरत महसूस हो सकती है। बता दें कि कोयंबटूर के कुमारगुरु कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी (Kumaraguru College of Technology) के 2 छात्रों ने एक पौधे से Eco Friendly Sanitary Napkins बनाने का कारनामा कर दिखाया है। इस खोज के लिए दोनों छात्रों को “छत्र विश्वकर्मा” समेत कई अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।
बता दें कि कोयंबटूर के प्रतिष्ठित कुमारगुरु कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में फैशन टेक्नोलॉजी के छात्रों निवेदा आर. और गोथम एस. ने जूट (Kenaf) के पौधे से सैनेटरी नैपकिन बनाने का तरीका खोज निकाला है। बता दें कि इस पौधे में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यही वजह है कि इन छात्रों ने इस पौधे से फाइबर निकालकर उससे सैनेटरी नैपकिन का निर्माण किया है। खास बात है कि यह सैनेटरी नैपकिन बनाने में आसान और पूरी तरह से जैविक है। जिस कारण इस नैपकिन का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। वहीं इसका सस्ता होना इसका एक प्लस पॉइंट है। इसके साथ ही जूट में एंटी-माइक्रोबियल (Anti Microbial) गुण होते हैं, जिस वजह से यह सैनेटरी नैपकिन के लिए आइडियल है। जूट की खास बात है कि यह कम पानी और ज्यादा किसी खास देखभाल के भी आसानी से उग सकता है। भारत के करीब 12 राज्यों में इसकी खेती होती है। इस कारण इसकी उपलब्धता भी आसान है।
द हिंदू की खबर के मुताबिक जूट से सैनेटरी नैपकिन बनाने के लिए दोनों छात्रों को India Innovation Initiative अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। बता दें कि यह अवार्ड समाज की बेहतरी के लिए की गई खोज के लिए दिया जाता है। बहरहाल भारत जैसे देश में जहां सस्ती और बेहतर सैनेटरी नैपकिन मुहैया कराना चुनौती है, वहां इन खासियतों के साथ ही पर्यावरण के लिए फायदेमंद सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराना एक बड़ी उपलब्धि होगी।