प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत की ऊर्जा, विश्व को ऊर्जा प्रदान करेगी। सेरावीक संस्था द्वारा आयोजित चौथे भारत ऊर्जा फोरम का उदघाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और देश का ऊर्जा भविष्य उज्जवल और सुरक्षित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत विश्व अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि कम कार्बन उत्सर्जन के साथ हमारा ऊर्जा क्षेत्र विकास केंद्रित, उद्योगों के अऩुकूल तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदार होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत घरेलू उड्डयन सेवा के मामले में तीसरा सबसे बड़ा और तेजी से विकास करने वाला उड्डयन बाज़ार है। उन्होंने कहा कि भारत ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ाने की दिशा में सबसे सक्रिय राष्ट्रों में से हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा योजनाएं ऊर्जा के अऩुकूल है और वे सतत लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शेष वैश्विक उद्योग जगत की तुलना में कहा कि भारत सबसे कम कार्बन उत्सर्जन वाले देशों में हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की शोधन क्षमता 2025 तक 250 से 400 मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष हो जाएगी। सरकार की प्राथमिकता देश में घरेलू गैस उत्पादन बढ़ाने की है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य एक राष्ट्र ,एक गैस ग्रिड के साथ गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छह वर्ष में एक करोड़ दस लाख से अधिक स्ट्रीट लाइटों को स्मार्ट एलईडी में बदला गया है। इससे लगभग 60 अरब यूनिट प्रतिवर्ष की बिजली बचत हुई है। उन्होंने कहा कि इस योजना से साढ़े चार करोड़ टन से अधिक कार्बन डाईऑक्साईड उत्सर्जन में कमी आई है। उन्होंने कहा कि इससे लगभग 24 हजार करोड़ रूपये प्रतिवर्ष की बचत भी हुई।