श्री विनोद अग्रवाल श्री बाँके बिहारी जी के अनन्य भक्त थे, उन्होंने जीवन भर बिना किसी स्वार्थ के संकीर्तन सेवा की और अपने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए केवल हरिनाम के प्रचार को ही अपना जीवन लक्ष्य रखा। 2 वर्ष पहले विनोद जी आज के दिन ही इस धरा से गोलोक के लिए प्रस्थान कर गए थे, लेकिन उनके भजन आज भी उनकी हमारे आसपास के वातावरण को कृष्णमय कर देते हैं। विनोद जी बिहारी जी के सच्चे प्रेमी के रूप में इस धरा पर गोपी भाव को गाकर कृष्ण प्रेम की विलक्षण एहसास को महसूस करवाने में पुर्ण रूप से सक्षम थे। आज जरूरत है उनके दिए ज्ञान को जीवन में उतारने की, उनकी शिक्षा को जीवन में उतारने से कृष्ण मिलन सम्भव है। विनोद जी पहले भी श्री बिहारी जी के चरणो में थे और आज भी उनकी उपस्थिति अपने प्राण प्रियतम के चरणों मे बनी हुई है।
बाऊजी अपने संकीर्तन सभा में अकसर कहा करते थे- प्रेम केवल ईश्वर से करें, उनका मानना था कि सांसारिक वस्तुएं हमें बंधन में डालती हैं, हम संसार के मोह में पड़कर दुखी होते हैं और ईश्वरीय प्रेम से आनंद में रहते हैं, लेकिन बाऊजी ने कभी घर परिवार की जिम्मेदारी से भागने की बात नहीं कही, वो तो परिवार के सभी जिम्मेदारी को निभाते हुए श्री कृष्ण से प्रेम करने पे जोर देते रहे। आओ हम सब मिलकर उनके दिखाई राह पर चलकर श्री राधा कृष्ण प्रेम में आनंद विभोर हो जाये।
आई के शर्मा
मुख्य सम्पादक युवा प्रेस न्यूज़।