अरुणाचल प्रदेश की जीवनरेखा कही जाने वाली सियांग नदी अपने साफ पानी के लिए जानी जाती है, लेकिन हैरानी की बात है कि पिछले कुछ समय से अचानक इस नदी का पानी काला और दलदली हो गया है। जिससे अरुणाचल प्रदेश में चिंता का माहौल है। माना जा रहा है कि नदी के दूषित होने के पीछे चीन का हाथ हो सकता है। फिलहाल वाटर कमीशन पानी की जांच में जुटा है।
बता दें कि सियांग नदी ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी है, जो कि तिब्बत में 1600 किमी इलाके में बहती है। तिब्बत में इसे यारलुंग सांगपो के नाम से जाना जाता है। तिब्बत से बहकर ये नदी अरुणाचल प्रदेश पहुंचती है और यहां इसे सियांग नदी कहा जाता है। असम में पहुंचकर यही नदी ब्रह्मपुत्र बन जाती है। पिछले 2 माह से नदी का पानी काफी दूषित हो गया है। फिलहाल सियांग नदी की स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। नदी के पानी में सीमेंट जैसी गाद दिखाई दे रही है, जिससे बड़ी मात्रा में मछलियां मर गई हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी पीने के पानी का बड़ा स्त्रोत है, ऐसे में लोगों को पीने के पानी की भी समस्या हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले उन्हें लगा था कि नदी अपने साथ मानसून के समय में मिट्टी को बहाकर लाने की वजह से गंदी हो गई है, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी नदी का पानी काला बना हुआ है।
अधिकारियों का कहना है कि स्थिति देखकर लगता है कि चीन की तरफ नदी पर कोई निर्माण कार्य किया जा रहा है या फिर चीन पानी के अंदर गहराई में बोरिंग का काम कर रहा है, जिसकी गाद बहकर सियांग नदी में आ रही है। फिलहाल पक्के तौर पर अभी पता नहीं चल पाया है कि किस कारण नदी का पानी काला हो गया है। बता दें कि ऐसी खबर मिली है कि चीन 1000 किमी की टनल का निर्माण कर सियांग नदी को तिब्बत के मरुस्थलीय इलाके की ओर मोड़ने की योजना बना रहा है। चीन की इस योजना ने भारत की चिंता बढ़ना स्वभाविक है।