नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने Rainabasera मामले को लेकर राज्यों को कमेटी बनाने का आदेश दिया है। अभी तक जिन राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट नहीं भेजा है। सुप्रीम कोर्ट उन राज्यों को दो हफ्ते की में रिपोर्ट भेजने के आदेश दिये है। गोरतलब यह है कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट को सात राज्य तथा केंद्र शासित प्रद्रशों ने रिपोर्ट नहीं भेजी है। हांलांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश जारी किया है कि राज्यों की कमेटियों का केंद्रीय कमेटी देखरेख करेगी।
दरअसल अभी तक इन राज्यों जम्मू कश्मीर, केरल, महाराष्ट्र, अंडमान निकोबार, मणिपुर, मध्यप्रदेश, मेघालय ने कमेटी बनाने के मामले को लेकर कोई रिपोर्ट नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट कहना है कि Rainabasera के निर्माण प्रक्रिया पर सोशल ऑडिट कराने के सवाल पर आगे विचार करेंगे. पहले कमेटियां बन जाएं।
हांलांकि सुप्रीम कोर्ट Rainabasera मामले की सुनवाई कर रही है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में उत्तर प्रदेश की सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप 2011 की जनगणना के अनुसार बताएं कि 1 लाख 22 हजार बेघर लोग हैं। मगर अब आप कह रहें हैं केवल 22 हजार लोग हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा इसका मतलब आप बाकी पैसा वापस कर दें।
केंद्र सरकार ने 2013 में बेघर लोगों को आसरा देने के इरादे से राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की शुरुआत की थी। मकसद शहरी क्षेत्रों में रह रहे बेघरों को सिर छुपाने की जगह देना था। मगर दो हजार करोड़ खर्च होने के बाद भी शहरी बेघरों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। और आज भी ये लोग शहर की सड़कों और फुटपाथ पर ही रात गुजारते हैं।
बहरहला उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ये तुरंत का सर्वे तंग है। आप इसको अंदेखा कर दे। उत्तर प्रदेश सरकार के इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इसे अंदेखा कैसे कर सकते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राज्य पर तीन सदस्यीय कमिटी बनाएं। जिसमें से पहला सिविल सोसायटी, दूसरा रिटायर्ड सचिव स्तर का अधिकारी तथा तीसरा प्रधान सचिव शहरी विकास विभाग का हो।