नई दिल्ली : टाटा गुरुप की कंपनी टाटा स्टील (Tata steel company) ने कर्ज में डूबे चुके भूषण स्टील कंपनी को बोली लगाकर जीत लिया है। अभी टाटा स्टील ने बोली की राशि की जानकारी नहीं दी है। हालांकि कुछ सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस भूमि अधिग्रहण की कीमत लगभग 35,000 करोड़ के करीब होगी।
अनुमान है कि इस सौदे के होने के बाद टाटा स्टील (Tata Steel Company) हमारे देश की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी बन चुकी है। पहले टाटा स्टील साल भर में 1.30 करोड़ टन इस्पात का उत्पादन करती थी जो अब भूषण स्टील कंपनी की 56 लाख टन उत्पादन को अपने में जोड़कर बढ़ जायेगी।
शुक्रवार को टाटा स्टील ने एक जानकारी में कहा कि 22 मार्च 2018 को भूषण स्टील लि के कर्जदाता समूह द्वारा एक सफल समाधान आवेदक के रूप में घोषित कर दिया है। जो कि एनसीएलटी और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से मंजूरी समेत अन्य नियामकीय मंजूरी पर निर्भर हो जायेगा। बता दें कि भूषण स्टील की कंपनी बोली में टाटा स्टील (Tata Steel Company) के अलावा जेएसडब्ल्यू स्टील और भूषण स्टील के कर्मचारियों के एक समूह ने एक निजी इक्विटी फर्म के साथ मिलकर बोली लगाई थी।
इससे पहले यहा बता देना जरुरी है कि भूषण स्टील कंपनी पर बैंको के समूह का कुल कर्ज 48,100 रुपये है। इस कंपनी के नियामीय जानकारी में कहा गया कि “समाझान पेशेवर के निदेशों के मुताबिक, हम आपको सूचित करते हैं कि भूषण स्टील लिमिटेड ऋणदाताओं की समिति ने टाटा स्टील के समाधान योजना को ई-वोटिंग की प्रक्रिया के तहत मंजूर किया है” इसमें यह जानकारी दी गई कि अब बीएसएल के समादा पेशेवर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की आवश्यक मंजूरी के लिए समादान योजना को उसके पास देश करेंगे।
बता दें कि आइबीसी अर्थात दिवालिया कानून के आने के बाद 12 बड़े एनपीए डिफॉल्टर कंपनियों पर दिवालिया की प्रक्रिया शुरू की गई। इनमें से भूषण स्टील पहली ऐसी कंपनी है जिसकी संपत्तियों को बेचने का रास्ता साफ हो गया। बैंको ने अपने कर्जे को वापस लेने के लिए भूषण स्टील कंपनी को दिवालिया घोषित करते हुए उसकी सभी संपत्तयों को बेचकर अपने बकाया को लेने की प्रक्रिया शुरू की थी और इसके लिए इन्होने कमेटी औफ क्रेडिटर्स बनाया। इस कमेटी ने टाटा स्टील (Tata Steel Company) के अधिग्रहण प्रस्ताव को सबसे योग्य पाया और उसको खरीदने के लिए मंजूरी दे दी। इस तरह से टाटा स्टील देश की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी बन गई।