*राफेल के साथ होगी शस्त्र पूजा और अभिनंदन को मिलेगा सम्मान
रिपोर्ट : विनीत दुबे
अहमदाबाद, 6 अक्टूबर, 2019 (युवाPRESS)। इस बार का दशहरा पर्व देश के लिये खास है। 8 अक्टूबर को दशहरे के साथ-साथ भारतीय वायुसेना का 87वाँ स्थापना दिवस भी है। इस मौके पर वायुसेना को तोहफे के रूप में राफेल फाइटर जेट की डिलीवरी मिलेगी। वहीं दूसरी ओर वायुसेना अपने जाँबाज विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान और महिला स्क्वॉड्रन को सम्मानित करेगी। दशहरा पर शस्त्र पूजा करने की परंपरा है। पिछले 5 वर्ष से केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह हर वर्ष देश के लिये शस्त्र पूजा की परंपरा निभा रहे हैं। मोदी सरकार की पिछली टर्म में वे केन्द्रीय गृहमंत्री थे और अब वे रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इस वर्ष भी वे ही शस्त्र पूजा करेंगे। बस, फेरबदल सिर्फ इतना है कि इस बार वे देश की किसी सीमा पर नहीं, अपितु देश की सीमा के बाहर फ्रांस में शस्त्र पूजा करेंगे और वह भी राफेल फाइटर जेट के साथ।
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है दशहरा

दशहरा या विजया दशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान राम ने बुराई के प्रतीक रावण का वध करके बुराई पर विजय प्राप्त की थी। इसी लिये विजया दशमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन देश भर में दशहरा का पर्व खास तरीकों से मनाया जाता है। नवरात्रि के दिनों में राम लीला का मंचन होता है और दशहरे के दिन रावण, उसके बेटे मेघनाद और भाई कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं। इसी दिन क्षत्रिय कुल के लोगों के यहाँ शस्त्र पूजा की जाती है। इसलिये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश के लिये फ्रांस से खरीदे गये राफेल के साथ शस्त्र पूजा करने हेतु फ्रांस जा रहे हैं। वे फ्रांस की राजधानी पेरिस में पहले राफेल फाइटर जेट की पूजा करेंगे। फिर उसमें उड़ान भरेंगे। राजनाथ सिंह वरिष्ठ वायुसेना अधिकारियों के साथ पेरिस जाएँगे। उनके साथ वाइस चीफ ऑफ एयर स्टॉफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा भी होंगे।
भारत की जरूरतों के अनुसार राफेल में हुए बदलाव

राफेल फाइटर जेट को भारतीय जरूरतों के अनुसार बदला गया है। इन बदलावों की कीमत लगभग 1 बिलियन यूरो है। राफेल फाइटर जेट को उड़ाने के लिये भारतीय वायुसेना के कुछ पायलटों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। अब ये सभी प्रशिक्षित पायलट वायुसेना के और दो दर्जन पायलटों को तीन अलग-अलग हिस्सों में राफेल को उड़ाने का प्रशिक्षण देंगे। इनकी ट्रेनिंग मई-2020 तक चलेगी। नये एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया पहले ही कह चुके हैं कि राफेल का भारतीय वायुसेना बेड़े में शामिल होना देश और वायुसेना दोनों के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। राफेल की तकनीक भारत के लिये गेम चेंजर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा था कि वर्तमान समय की चुनौतियों से निपटने के लिये वायुसेना पूरी तरह से तैयार है। अब बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक की जरूरत पड़ेगी तो वायुसेना पहले से अधिक तैयार है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर 2016 में भारत ने फ्रांस सरकार और उसकी डसॉल्ट एविएशन के साथ 36 राफेल विमान खरीदने की डील की थी। इस डील को लेकर विपक्ष ने विवाद भी जगाया था। सरकार शुरू से ही यह प्रयास कर रही थी कि उसे ये विमान जल्दी से जल्दी हैंड ओवर कर दिये जाएँ, क्योंकि वायुसेना की ओर से इन्हें जल्दी से जल्दी सेना में शामिल करने का दबाव बनाया जा रहा था।
वायुसेना मनाएगी 87वाँ स्थापना दिवस

8 अक्टूबर 1932 को स्थापित भारतीय वायुसेना मंगलवार को ही 87वां स्थापना दिवस भी मनाएगी, जिसके लिये तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। तैयारियों के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में स्थित हिंडन एयर बेस फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया था, जिसमें वायुसैनिकों ने हैरतअंगेज करतबों का प्रदर्शन किया। पहली बार वायुसेना बेड़े का हिस्सा बने अमेरिकी लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे और टोही हेलीकॉप्टर चिनूक ने भी प्रदर्शन किया। ग्लोब मास्टर और हरक्यूलिस को डिस्प्ले से बाहर रखा गया है। एक बार फिर स्वदेशी तेजस के साथ-साथ सुखोई, जगुआर, मिग बायसन और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने भी अपना जलवा दिखाया। सूर्य कर्ण का फॉरमेशन सबसे आकर्षक रहा, जबकि सारंग हेलीकॉप्टर ने भी लोगों का ध्यान खींचा।

वायुसेना ने वायुसेना दिवस पर अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के साथ ही अपने जाँबाज और पराक्रमी सैनिकों को सम्मानित करने का भी आयोजन किया है। वायुसेना दिवस के मौके पर पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक करने वाली यूनिट को प्रशस्तिपत्र से सम्मानित किया जाएगा। विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की यूनिट 51 स्क्वॉड्रन को आईएएफ चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करेंगे। ग्रुप के कमांडिंग ऑफीसर कैप्टन सतीश पवार 51 स्क्वॉड्रन की ओर से यह सम्मान प्राप्त करेंगे। स्क्वॉड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल की 601 सिग्नल यूनिट को भी सम्मानित किया जाएगा, जिनके निर्देश पर ही अभिनंदन वर्तमान ने मिग बायसन से पाकिस्तान के अमेरिकी एफ-16 को भारतीय वायुसीमा में प्रवेश करने से पहले ही धराशायी कर दिया था।