मोदी सरकार के साल 2018-19 के बजट (Union Budget 2018) का ऐलान हो चुका है। अब इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है कि इस बजट से किस सेक्टर को फायदा मिला है और किस सेक्टर को निराशा हाथ लगी है। हालांकि मोदी सरकार ने कोशिश की है कि इस बजट में सभी के लिए कुछ ना कुछ रखें, खासकर ग्रामीण भारत और किसानों के लिए इस बजट में बहुत कुछ है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें इस बजट से वो नहीं मिला, जिसकी उन्हें उम्मीद थी। तो आइए जानते हैं कि बजट 2018 (Union Budget 2018) किसके लिए खुशी लाया और किस के लिए निराशा ?
Union Budget 2018 में इन्हें मिला फायदा
किसान
मोदी सरकार ने इस बजट में किसानों को खुश करने की भरपूर कोशिश की है। जहां सरकार ने फसलों का न्यूनतम मूल्य बढ़ाने की घोषणा की है, वहीं कृषि आधारित उद्योगों के विकास, सिंचाई व्यवस्था आदि में भी सुविधाओं का विस्तार किया गया है। सरकार ने ग्रामीण भारत के विकास पर 14 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है। सरकार के इस कदम से कृषि आधारित कंपनियों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य सेवाएं
सरकार ने National Health Protection Scheme के तहत 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा देने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत लोगों को 5 लाख रुपए तक का बीमा कवर दिया जाएगा। सरकार के इस ऐलान से अस्पतालों और हेल्थकेयर कंपनियों को फायदा पहुंच सकता है।
ट्रांसपोर्ट कंपनियां
बजट में सरकार द्वारा सड़क और रेल परियोजनाओं पर खासा ध्यान दिया गया है। ऐसे में कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग कंपनियां, जैसे लार्सन एंड टर्बो, हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन, NCC लिमिटेड आदि को फायदा मिलेगा।
उपभोक्ता कंपनियां
जैसे-जैसे देश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, भारत में लोगों की खर्च करने की क्षमता में भी बड़ा इजाफा हुआ है। अब जब सरकार ने ऐलान किया है और इकॉनोमिक सर्वे में भी कहा गया है कि भारत अगले कुछ साल तेजी से आर्थिक विकास करेगा। ऐसे में उपभोक्ता कंपनियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। इन कंपनियों में हिंदुस्तान यूनीलीवर, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड आदि
ज्वैलर्स
गौरतलब है कि भारत में सोने की मांग का 60 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों से आता है। अब जब सरकार ग्रामीण इलाकों में विकास को रफ्तार देने की योजना बना रही है तो यकीनन इसका फायदा ज्वैलर्स को मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है।
हवाई परिवहन
सरकार देश में हवाई परिवहन को बढ़ावा दे रही है। यही वजह है कि देश के ग्रामीण इलाकों में भी एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। वहीं सस्ती हवाई यात्रा भी शुरु करने की तैयारी है।
Union Budget 2018 में इन्हें हाथ लगी निराशा
विदेशी मोबाइल फोन कंपनियां
सरकार डोमेस्टिक मोबाइल कंपनियों को बढ़ावा दे रही है। यही वजह है कि सरकार ने मोबाइल फोन से कस्टम ड्यूटी 20 प्रतिशत तक बढ़ा दी है। ऐसे में Apple और Samsung जैसी विदेशी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
डिफेंस सेक्टर
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में सेना के जवानों की तारीफ तो जरुर की, लेकिन उन्होंने डिफेंस बजट में किसी तरह की कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं की है।
उपभोक्ता
सरकार ने गरीबों को हेल्थ इंश्योरेंस की सौगात तो दे दी है, लेकिन सरकार इसका पैसा भी देश के उपभोक्ताओं से ही वसूलने वाली है। बता दें कि सरकार ने हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर से होने वाली उगाही को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। ऐसे में तकरीबन सभी चीजें महंगी होने की उम्मीद है।
फाइनेंशियल सेक्टर
सरकार ने इक्विटी इन्वेस्टमेंट पर कैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला किया है। सरकार के इस कदम से फाइनेंशियल कंपनियों और निवेशकों को झटका लग सकता है।