अहमदाबाद, 28 मई, 2019। भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती का एक और नज़ारा लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान देखने को मिला है। लोकतंत्र ने एक इंस्पेक्टर को सांसद बना दिया। इतना ही नहीं, सांसद बने व्यक्ति ने जब अपने पूर्व बॉस को सम्मान देते हुए उसे मुस्कराकर सैल्यूट किया तो इस दृश्य ने लोकतंत्र की खूबसूरती में चार चांद लगा दिये। यह खूबसूरत दृश्य अब तस्वीर की शक्ल में सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
बात दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश की है। आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की हिंदूपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गये गोरंतला माधव चुनाव लड़ने से पहले एक सर्किल इंस्पेक्टर थे। उन्होंने पुलिस की नौकरी से स्वयं रिटायरमेंट लेकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। इसी साल जनवरी में YSRCP ने उन्हें चुनावी टिकट दिया था। उन्होंने इस चुनाव में TDP के सांसद कृष्टप्पा निम्मला को 1,40,748 वोटों से हराया है और नये सांसद चुने गये हैं।
हालाँकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उनकी तस्वीर उस समय की है, जब एक मतदान केन्द्र पर मतदान चल रहा था। माधव एक मतदान केन्द्र के बाहर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद थे। इसी दौरान पोलिंग बूथ पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिये पुलिस के आला अधिकारियों का दल वहाँ पहुँचा, इनमें माधव के पूर्व सीनियर अधिकारी CID के सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस महबूब बाशा भी शामिल थे। दोनों का आमना-सामना हुआ तो दोनों ने एक-दूसरे को मुस्कराकर सैल्यूट किया। इस दौरान वहाँ उपस्थित कई अन्य पुलिस अधिकारियों ने भी यह दृश्य देखा।
मतदान केन्द्र पर उपस्थित मीडिया के सदस्यों ने भी यह दृश्य देखकर माधव से बात की तो उन्होंने बताया कि वह अपने पूर्व बॉस को सैल्यूट कर रहे थे। वह अपने पूर्व बॉस का बहुत सम्मान करते हैं। हम दोनों ही एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।
उल्लेखनीय है कि शुरुआती दौर में माधव का नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया था, क्योंकि पुलिस विभाग ने उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया था। जब स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और IG को उनका त्यागपत्र स्वीकार करने के लिये कहा, तब जाकर माधव को उनकी नौकरी से छुट्टी दी गई और तत्पश्चात् ही उनका नामांकन पत्र स्वीकार किया गया था।
इससे पहले भी हमने लोकतंत्र की खूबसूरती का एक रिपोर्ट में उल्लेख किया था। जब कांग्रेस के प्रतिष्ठित नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने राजघराने की परंपरागत लोकसभा सीट गुना से चुनाव हार गये। उन्हें चुनावी रण में पटखनी देने वाला कोई और नहीं बल्कि उनका ही एक समय का सिपहसालार था। डॉ. के. पी. यादव जो अब गुना के नये सांसद हैं, वह कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के सांसद प्रतिनिधि थे। यहाँ भी लोकतंत्र की खूबसूरती का पहलू देखने को मिला, जब राजा रंक बन गया और रंक राजा बन गया।