देश की 95 प्रतिशत जनसंख्या जिस हिन्दी भाषा को बोल-समझ सकती है, उस हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का गौरव दिलाने में कोई सहायता करने की बजाए कांग्रेस के एक बड़बोले नेता ये चाहते हैं कि जिन लोगों को अंग्रेजी और केवल अपने राज्य की (राष्ट्र की नहीं) भाषा से प्रेम है, उनके सामने हर नागरिक को अंग्रेजी या उस राज्य की भाषा में ही बात करनी चाहिए।
कांग्रेस के इस नेता का नाम है शशि थरूर। वे स्वयं तो कभी हिन्दी में बोलते ही नहीं हैं। अपनी हर बात अंग्रेजी में ही झाड़ते हैं, जिसे देश के 50 प्रतिशत से अधिक लोग समझ नहीं पाते। अब यही शशि थरूर चाहते हैं कि केवल हिन्दी बोलने वाला हर व्यक्ति दक्षिण भारत में जाकर अंग्रेजी या वहाँ की राज्य भाषा का ही उपयोग करे। हम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि हिन्दी को आज राष्ट्रभाषा का गौरव नहीं मिला है, तो उसमें सबसे बड़ी अड़चन दक्षिण भारत ही है। यह हमारे संविधान की महानता है कि वह सबकी भावनाओं का सम्मान करता है और हिन्दी को केवल राजभाषा का दर्जा दिया गया, परंतु इसका तात्पर्य यह नहीं है कि हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने में करोड़ों हिन्दी भाषियों और हिन्दी भाषियों के ही मतों से दिल्ली के सिंहासन पर काबिज़ होने का सपना देखने वाले नेताओं का उत्तरदायित्व कम हो जाता है।
आइए अब बात करते हैं कि अंततः शशि थरूर ने ऐसा क्या कह दिया कि हमें हिन्दी के मान-सम्मान-गौरव के लिए इतना कुछ कहना पड़ा। वास्तव में थरूर ने एक ऐसा ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने अपनी अज्ञानता का परिचय दिया और गुजरात, हिन्दी और पूरे उत्तर भारत का अपमान कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने अहमदाबाद का स्पेलिंग भी ग़लत लिखा, जिसके बाद ट्विटर पर उनकी जम कर ख़बर ली गई।
शशि थरूर ने गत 15 मार्च को किए अपने ट्वीट में लिखा, ‘उत्तर भारतीयों की दक्षिणी भाषाओं की अनदेखी का परिणाम ! अहमदाबाद के प्रसिद्ध रेस्तराँ चेन ने हाल ही में अपना आउटलेट कोच्चिं में खोला है, परंतु यह होटल ग्राहकों के लिए बहुत संघर्ष कर रहा है। यदि वे एक मलयाली भाषी से पूछेंगे, तब वे समझ सकेंगे कि ऐसा क्यों है ?’
थरूर ने इस ट्वीट के जरिए एक तरफ हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के अभियान को झटका दिया, तो दूसरी तरफ अपनी अज्ञानता का भी परिचय दिया। प्रयास यह होना चाहिए कि दक्षिण भारतीय लोगों को यह समझाया जाए कि वे अपने राज्य की मातृभाषा का मान-सम्मान बनाए रखते हुए हिन्दी को देश की राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार करें, परंतु थरूर इस ट्वीट में उल्टे उत्तर भारतीयों को कह रहे हैं कि आप दक्षिण की भाषाओं की अवगणना कर रहे हैं।
इस ट्वीट में थरूर ने दो और बड़ी भूल कीं। पहली यह कि उन्होंने गुजरात के रेस्तराँ का उल्लेख किया, जबकि गुजरात उत्तर भारत में नहीं, अपितु पश्चिम भारतीय राज्य है। दूसरी भूल थरूर ने यह की कि उन्होंने अपने ट्वीट में अहमदाबाद की स्पेलिंग भी ग़लत लिखी। उनके ट्वीट में आप पढ़ सकते हैं कि उन्होंने अहमदाबाद को अंग्रेजी में AHAMADABAD लिखा है, जबकि सही स्पेलिंग AHMEDABAD है।
जम कर ट्रोल हुए शशि थरूर
कांग्रेस के इस बड़बोले नेता ने गुजरात को उत्तर भारतीय राज्य और अहमदाबाद की ग़लत स्पेलिंग क्या लिखी, लोगों ने उनकी ख़बर ले डाली। एक यूज़र ने लिखा, ‘पहली बात यह कि AHMEDABAD है। दूसरी बात गुजरात के एक शहर अहमदाबाद को उत्तर भारत का हिस्सा बताना ठीक वैसा ही है, जैसे हर दक्षिण भारतीय को मद्रासी बताना।’ एक यूज़र ने लिखा, ‘अरे भाई, पहले स्पेलिंग ठीक करें, बाद में राजनीति करना।’
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