नई दिल्ली: पति (Husband) और पत्नी ( Wife) का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता माना गया है, जो अटूट है, हर सुख दुःख, मुश्किल समय में साथ रहने का वचन लेकर मरते दम तक साथ निभाते है। ऐसी ही उत्तर प्रदेश में रहने वाले विकलांग (Handicapped ) पति के साथ हुआ। मथुरा (Mathura) स्तिथ नौहझील थाना क्षेत्र मानागढ़ी के रहने वाले मदनसिंह का मोटरसाइकिल (bike) से सड़क हादसे में पैर कट गया था जिसके बाद पीड़ित मदनसिंह को सरकार (government) द्वारा किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दी गयी थी। मदनसिंह की पत्नी का नाम बबिता है। बबिता अपनी पति को किसी कि भी सहायता न मिलने पर अपनी ही पीठ पर उठाकर कलेक्ट्रेट ऑफिस (Collectorate office) भटकती दिखाई थी।
यह दृश्य देख वहां मोजूद लोगो ने बबिता से उसके पति के बारे में तो उसने उत्तर दिया की – उसके विकलांग (Handicapped) पति की पास व्हीलचेयर (wheelchair) या ट्राईसाइकिल (Tricycle) नही है, इसलिए उसे अपने को अपनी पीठ (back) पर उठाकर कलेक्ट्रेट ऑफिस (Collectorate office) जाना पड़ रहा है, और न ही कोई उसकी सहायता कर रहा था। साथ हुई यह भी बताया की सीएमओ ऑफिस जाने पर भी सरकार बबिता की कोई मदद नही कर रही है। बबिता ने अपने अपती का विकलांग का सर्टिफिकेट (Handicapped Certificate) लेने के लिया काफी चक्कर सरकारी दफ्तरों में काट लिए है, लेकिन वह भी कोई लाभ नही हुआ, उसे 3 वर्ष में विकलांगता सर्टिफिकेट की प्राप्ति नही हुई है। मामला संज्ञान में आने के बाद यूपी के मंत्री भूपेंद चौधरी द्वारा इस विषय पर कड़ी निंदा की गयी है। भूपेंद चौधरी का कहना है कि, यह एक बेहद दुखद घाटना है, जिसका हमे दुःख है। और इस केस की जांच करके जल्द ही बबिता को हर हाल में सहयता दी जयगी।