नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मोदी सरकार के सबसे बड़े आलोचक यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने 30 जनवरी को राष्ट्रीय मंच की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीच मंच किसानों के लिए काम करेगा। आगे उन्होंने कहा कि किसानों के अलावा हम सरकार की गलत नीतियों को सबसे सामने लेकर आएंगे। इस कार्यक्रम में कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी भी शामिल हुईं थी।
नोटबंदी सही फैसला लेकिन GST गलत
नोटबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए वह सकारात्मक फैसला था लेकिन GST की उन्होंने आलोचना की। GST को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी वजह से छोटे उद्योग पर काफी बुरा असर पड़ा। इसके अलावा उन्होंने बेरोजगारी, कुपोषण, आंतरिक और बाहरी सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया। Yashwant Sinha ने कहा कि देश का माहौल तेजी से बदल रहा है। लोकतंत्र भीड़तंत्र में बदल रहा है। विदेश नीति को लेकर उन्होंने डोकलाम का मुद्दा उठाया।
सुप्रीम कोर्ट का मामला बेहद गंभीर
सुप्रीम कोर्ट विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। एकबार फिर से इमरजेंसी जैसे हालात न हो जाए इसके लिए संसद को संवेदनशील होने की जरूरत है। अगर सांसदों को लगता है कि सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है तो लोकतंत्र वाकई खतरे में है।
तमाम दलों के नेता एकजुट हुए
राष्ट्रीय मंच पर बीजेपी समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेता एकजुट हुए। इस कार्यक्रम में बीजेपी नेता, शत्रुघ्न सिन्हा, TMC के दिनेश त्रिवेदी, आम आदमी पार्टी से संजय सिंह और आशुतोष, JDU से पवन वर्मा, RLD से जयंत चौधरी, सपा से घनश्याम तिवारी समेत तमाम नेता एकजुट दिखे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में Yashwant Sinha ने कहा कि हम सभी लोग अचानक से एकजुट नहीं हुए हैं।
सरकार के लिए कितनी परेशानी ?
राष्ट्रीय मंच को लेकर Yashwant Sinha ने कहा कि यह मंच उन सभी लोगों के लिए है जो देश की हालत से परेशान हैं। 2019 में लोकसभा का चुनाव होने वाला है। चुनाव से पहले राष्ट्रीय मंच का ऐलान और तमाम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के एकजुट होने के चलते इसे सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।