अभी तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिक यही सोचते आए थे कि हमारा Solar System इस ब्रह्मांड में इकलौता है, लेकिन अब NASA ने इस सोच को बदल दिया है। दरअसल NASA और Google के AI (Artificial Intelligence) विभाग ने एक नया सोलर सिस्टम खोज निकाला है। बता दें कि नया सोलर सिस्टम Kepler-90 तारामंडल में खोजा गया है, जो कि पृथ्वी से करीब 2,200 प्रकाशवर्ष (Light Years) दूर है।
गुरुवार को NASA ने एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी। नासा के अनुसार, यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण है,क्योंकि इस सोलर सिस्टम में भी हमारे सोलर सिस्टम की तरह 8 ग्रह हैं, जो कि एक तारे के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहे हैं। नासा के इस प्रोजेक्ट से जुड़े अंतरिक्षविज्ञानी (Astronomer) एंड्रयु वांडरबर्ग का कहना है कि, Kepler-90 तारामंडल एक तरह से हमारे सोलर सिस्टम का छोटा रुप है। जिसमें छोटे ग्रह पहले और बड़े ग्रह बाद में स्थित हैं। हालांकि नए सोलर सिस्टम में ग्रहों के बीच की दूरी काफी कम है। एंड्रयु वांडरबर्ग के अनुसार, ऐसा संभव है कि Kepler-90 में इस तरह के और भी सोलर सिस्टम हो सकते हैं !
नासा के अनुसार, केपलर-90i नामक ग्रह तारे के सबसे नजदीक है, जिसकी सतह पथरीली है। इस ग्रह की सतह का तापमान काफी ज्यादा है। जिस कारण यहां जीवन की संभावना नहीं है। नासा के अनुसार, इस ग्रह की सतह का तापमान करीब 426 डिग्री सेल्सियस है। यह ग्रह अपने तारे का चक्कर 14 दिन में पूरा करता है, इस तरह से इस ग्रह पर एक साल सिर्फ 14 दिन की होती है।
बता दें कि नासा के Kepler Space Telescope ने अंतरिक्ष में तैरते हुए इस सोलर सिस्टम के सिग्नल धरती पर भेजे, जिन्हें Google की AI की टीम ने स्कैन कर इस सोलर सिस्टम का पता लगाया। केपलर स्पेस टेलीस्कोप को साल 2009 में अंतरिक्ष में भेजा गया था, जो कि पिछले 4 सालों में करीब 150000 तारों को स्कैन कर चुका है। इस दौरान यह टेलीस्कोप करीब 2500 Exoplanets (सोलर सिस्टम से अलग ग्रह) की खोज कर चुका है।
बहरहाल नासा की यह खोज कई मायने में बेहद अहम है। नासा ने उम्मीद जतायी है कि केपलर टेलीस्कोप द्वारा खोजे गए सभी 150000 तारों को स्कैन करने पर और सोलर सिस्टम मिलने की उम्मीद है।