* दिव्या का 3 साल बाद पहला TWEET
* दिव्या के TWEET के बाद पीयूष क्यों मौन ?
* 30 TWEET में दिव्या का उल्लेख नहीं !
* क्या संवेदनहीन हैं मोदी के मंत्री पीयूष ?
अहमदाबाद, 3 जुलाई, 2019 (YUVAPRESS)। पीयूष गोयल यानी मोदी सरकार के एक एक्टिव मंत्री। सोशल मीडिया पर निरंतर सक्रिय रहने वाले पीयूष गोयल मोदी सरकार 2.0 में रेल मंत्री बनाए गए हैं। पीयूष अपने मंत्रालय और अपनी सरकार के हर कामकाज और हर गतिविधि को लेकर सोशल मीडिया विशेषकर TWITTER पर धड़ाधड़ TWEET करते हैं।
हमने रेल मंत्री पीयूष गोयल के 30 जून, 2019 से 3 जुलाई, 2019 (यह खबर लिखे जाने) तक के ट्वीट की संख्या गिनी, जो लगभग 28 से 30 के करीब रही। यानी पीयूष गोयल ने 100 घण्टों में लगभग 30 ट्वीट किए। आप सोच रहे होंगे कि हम पीयूष गोयल के पीछे क्यों पड़ गए हैं और एक अवधि विशेष में किए गए ट्वीट और उनकी संख्या का उल्लेख क्यों कर रहे हैं ?
आपके मन में प्रश्न उठना स्वाभाविक है, परंतु आप जब वास्तविकता जानेंगे, तो आपके मन में भी कई तरह के प्रश्न पैदा होने लगेंगे कि रेल मंत्री पीयूष गोयल के पास जब एक ‘भारत केसरी’ ख़िताब विजेता खिलाड़ी की समस्या पर ध्यान देने का समय नहीं है, तो वह दैनिक 20 करोड़ से अधिक यात्रियों का परिवहन करने वाले रेलवे विभाग से जुड़े आम यात्रियों की समस्याओं पर ध्यान दे सकेंगे ?

बात दरअसल यह है कि हरियाणा की एक महिला पहलवान हैं दिव्या काकरान। इनकी आयु मात्र 21 वर्ष है, परंतु इतनी छोटी-सी आयु में दिव्या ने रेसलिंग में भारत देश के लिए 60 पदक जीते हैं, जिनमें 17 स्वर्ण पदक हैं। दक्षिण अफ्रीका में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2017 में भी दिव्या ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता था। हरियाणा सरकार दिव्या काकराना को एक-दो बार नहीं, अपितु 8 बार भारत केसरी ख़िताब दे चुकी है। हरियाणा खेल विभाग की ओर से आयोजित होने वाली भारत केसरी रेसलिंग प्रतियोगिता में दिव्या 8 बार ख़िताबी विजेता रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट कर चुकीं दिव्या को उनकी इन उपलब्धियों के लिए केन्द्र सरकार ने रेलवे में नौकरी देने का वादा किया था, परंतु तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी दिव्या को कोई सरकारी नौकरी नहीं मिली। यद्यपि दिव्या ने अपनी खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना जारी रखते हुए रेलवे की नौकरी के लिए प्रयास किए, परंतु परिणाम शून्य रहा।
पीयूष के ट्वीट में दिव्या के सिवाय ‘सब कुछ’ !
हमारा प्रश्न यहाँ नवनिर्वाचित मोदी सरकार से नहीं, अपितु रेल मंत्री पीयूष गोयल से है। हमने पीयूष गोयल के 30 जून से 3 जुलाई तक के ट्वीट्स का उल्लेख इसलिए किया, क्योंकि इसी अवधि में दिव्या काकरान ने भी एक ट्वीट किया। तीन साल पहले किए गए वायदे के पूरा न होने पर दिव्या ने अंतत: सोशल मीडिया का सहारा लिया और 30 जून, 2019 को प्रात: 9.30 बजे पहली बार ट्वीट कर रेलवे की नौकरी न मिल पाने की वेदना व्यक्त की। आप भी पढ़िए दिव्या का ट्वीट और फेसबुक पर भी किया गया पोस्ट।
दिव्या ने अपने ट्वीट में रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे पीआरओ दोनों को टैग किया है, तो ज़ाहिर सी बात है कि दिव्या की बात पीयूष गोयल और रेल विभाग दोनों तक पहुँची ही होगी। ऐसा भी नहीं है कि पीयूष गोयल 30 जून, 2019 को प्रात: 9.30 बजे बाद ट्विटर पर एक्टिव न रहे हों। दिव्या के ट्वीट के बाद पीयूष गोयल ने करीब 30 ट्वीट किए, परंतु एक भी ट्वीट में दिव्या की वेदना को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया गया। प्रश्न यह उठता है कि क्या रेलवे विभाग और स्वयं पीयूष गोयल इतने संवेदनहीन हैं कि वे एक महिला रेसलर को उसकी परेशानी और समस्या पर कोई ढंग का जवाब तक नहीं दे सकते ?
सोशल मीडिया पर दिव्या को समर्थन
भले ही सरकार और रेल मंत्री की ओर से दिव्या के ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया न आई हो, परंतु सोशल मीडिया पर दिव्या के समर्थन में कई यूज़र्स ने ट्वीट किए हैं और सरकार से मांग की है कि दिव्या को नौकरी मिलनी ही चाहिए, ताकि उनका मनोबल बढ़े और वे खेल में और श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए भारत का गौरव बढ़ाएँ।
स्पेन में हैं दिव्या
जी हाँ, दिव्या इन दिनों एक टूर्नामेंट के सिलसिले में स्पेन गई हुई हैं। गत 2 जुलाई को उन्होंने 2 तसवीरें शेयर कीं। इनमें उनके साथ साक्षी मलिक (रेसलर) भी नज़र आ रही हैं। उन्होंने तस्वीर के कैप्शन में लिखा, ‘प्रैक्टिस टाइम।’