किसी भी देश के विकास में ऊर्जा सबसे अहम रोल निभाती है, सारे उद्योग धन्धे, ट्रांसपोर्ट यहां तक कि रोजमर्रा के काम भी ऊर्जा पर ही निर्भर होते हैं। ऊर्जा मुख्यत कोयले, यूरेनियम, गैस, तेल आदि से मिलती है, लेकिन जैसा कि सभी जानते हैं इन माध्यमों से ऊर्जा हासिल करना काफी खर्चीला और पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक होता है। ऐसे में आज पूरी दुनिया Solar Energy की ओर बड़ी ही उम्मीद से देख रही है। अच्छी बात है कि सोलर एनर्जी का स्त्रोत सूर्य है और यह करोड़ो वर्षों तक मौजूद रहेगा, वहीं इससे प्रदूषण भी बेहद कम होता है। यही वजह है कि आज दुनिया के सभी देश सोलर एनर्जी में काफी निवेश कर रहे हैं।
क्या है Solar Energy
सूरज की किरणों से मिलने वाली ऊर्जा को Solar Energy कहा जाता है। हालांकि इन किरणों को ऊर्जा में बदलने के लिए कई उपकरणों की जरुरत होती है। विज्ञान की बात करें तो यह सूरज की किरणों से दो तरह से ऊर्जा प्राप्त की जाती है। पहले तरीके में सोलर थर्मल एनर्जी का उपयोग किया जाता है। यह बेसिक तरीका है, जिसमें हम सिर्फ पानी या किसी लिक्विड को गर्म कर सकते हैं। दूसरा तरीका फोटोवोल्टिक सेल (PV Cell) का है, जिसमें सूरज की किरणों से बिजली पैदा की जाती है। ये दूसरा तरीका थोड़ा एडवांस्ड और अहम है।
एलन मस्क की ‘Solar City’
अमेरिका के अरबपति उद्योगपति और Tesla Motors के मालिक Elon Musk भी सोलर एनर्जी को भविष्य की ऊर्जा मानते हैं और इसमें बड़ा निवेश कर रहे हैं। बता दें कि एलन मस्क की कंपनी Solar City अमेरिका में सोलर एनर्जी देने वाली सबसे बड़ी कंपनी है, जिसका सालाना अरबों रुपए का कारोबार है। सोलर सिटी लोगों के घरों, ऑफिसों आदि में सोलर पैनल लगाने का काम करती है। एलन मस्क की कोशिश है कि भविष्य में कारों की छत पर भी सोलर पैनल लगाए जाएं, ताकि कारों को भी सोलर एनर्जी से चलाया जा सके। यह एलन मस्क का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिस पर उनकी कंपनी काम कर रही है। इस तरह कह सकते हैं कि भविष्य में कारें, कारखानों सहित सभी चीजें सोलर एनर्जी पर निर्भर हो सकती हैं, ऐसे में यह धरती पर ऊर्जा का भविष्य है।
भारत में सोलर एनर्जी का भविष्य
भारत जैसे देश में जहां 120 करोड़ से ज्यादा की आबादी रहती है, वहां सोलर एनर्जी ऊर्जा का बड़ा स्त्रोत बन सकती है। बता दें कि अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत यदि सोलर एनर्जी की दिशा में गंभीरता से बड़े कदम उठाए तो हम अपनी ऊर्जा की जरुरतों को आराम से पूरा कर सकते हैं। सोलर एनर्जी के मामले में भारत फायदे में भी है, क्योंकि हमारे देश में सूरज की खासी कृपा है और साल के 365 दिनों में से 300 दिन सूरज की सीधी कृपा हमारे देश पर होती है। लेकिन दुख की बात है कि हम अभी सूरज से मिलने वाली ऊर्जा का सिर्फ 2 प्रतिशत ही इस्तेमाल कर पा रहे हैं। ऐसे में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भविष्य में अपार संभावनाएं हैं।
अभी क्या है स्थिति
भारत सरकार ने साल 2010 में National Solar Mission के नाम से एक योजना शुरु की है, जिसका उद्देश्य देश में सोलर एनर्जी पर निर्भरता को बढ़ाना है। इस योजना के तहत साल 2022 तक देश में सोलर एनर्जी की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 20000 मेगावॉट की जानी है। लेकिन भारत की मौजूदा मोदी सरकार ने इस लक्ष्य को बढ़ाकर 100000 मेगावॉट कर दिया है। ऐसे में सरकार का यह कदम बेहद सराहनीय कहा जाएगा, लेकिन सरकार को इस दिशा में बेहद काम करना होगा।
रोजगार की बड़ी संभावना
बता दें कि सोलर एनर्जी देश की ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने में तो काफी अहम है ही, साथ ही इससे रोजगार की भी अपार संभावनाएं पैदा होंगी। बता दें कि सोलर एनर्जी पाने के लिए कई उपकरणों की जरुरत होती है। ऐसे में इनके इंस्टालेशन, मेन्टिनेंस, रख-रखाव के लिए भविष्य में बड़ी संख्या में लोगों की जरुरत होगी। इस तरह कह सकते हैं कि सोलर एनर्जी को बढ़ावा देकर पूरी दुनिया फायदे में ही रहेगी और हमें बिना देर किए इस ओर कदम बढ़ा देने चाहिए।