इस्लामिक राष्ट्र ईरान (Iran Crisis) आजकल हिंसा की चपेट में आया हुआ है। गौरतलब बात ये है कि हिंसा ईरान के लोगों द्वारा ही फैलायी जा रही है और नौबत यहां तक पहुंच चुकी है कि प्रदर्शनकारी भीड़ पुलिस और फौजी प्रतिष्ठानों पर भी हमला कर रही है। इन हिंसक प्रदर्शनों में अभी तक 10-20 लोगों के मारे जाने की खबर है और अभी यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है। लेकिन, यहां सवाल उठता है कि आखिर ईरान में ये हिंसक प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं और क्या वजह है कि लोगों में सरकार के खिलाफ इतना गुस्सा है ? अपने इस लेख में हम कोशिश करेंगे कि ईरान में हो रहे इन हिंसक प्रदर्शनों की पूरी जानकारी आपके सामने रखें।
कैसे शुरु हुए प्रदर्शन ?
बता दें कि हिंसक प्रदर्शनों की शुरुआत ईरान के मसहाद शहर से हुई। मसहाद ईरान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है, जोकि ईरान की राजधानी तेहरान के नजदीक स्थित है। मसहाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी (Hassan Rouhani) के कट्टर विरोधी इब्राहिम रईसी का शहर है और माना जा रहा है कि इन विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत के पीछे इब्राहिम रईसी का दिमाग हो सकता है ?
क्या है कारण
ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के पीछे देश की गिरती अर्थव्यवस्था है। दरअसल लोग सरकार की नीतियों से खुश नहीं है। बता दें कि ईरान में तेल और प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार हैं, लेकिन इसके बावजूद ईरान में प्रति व्यक्ति आय 4 हजार यूएस डॉलर के करीब है, जो कि काफी कम है। वहीं ईरान के पड़ोसी मुल्क तुर्की में प्रति व्यक्ति आय 11 हजार यूएस डॉलर के करीब है। वहीं ईरान में मौजूदा समय में बेरोजगारी खतरनाक स्तर से बढ़ गई है और आम जरुरतों का सामान भी 40 प्रतिशत तक महंगा हो गया है। यही कुछ कारण हैं कि आम जनता खासकर युवा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। खबरें हैं कि कुछ विरोधी संगठनों के पास हथियार भी हैं, जो सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
बता दें कि साल 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति (Iran Islamic Revolution) हुई थी, जिसके बाद ईरान को इस्लामिक राष्ट्र घोषित कर दिया गया था। मौजूदा विरोध प्रदर्शनों में 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के खिलाफ भी नारे लगाए जा रहे हैं। दरअसल इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में बाजारवाद (Capitalization) पनप नहीं पाया। जिस कारण वहां इंडस्ट्रीज डेवलेप नहीं हो पायी है। अब इसका खामियाजा ईरान के युवा वर्ग को उठाना पड़ रहा है।
सरकार की प्रतिक्रिया
विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए ईरान सरकार ने देश के कई इलाकों में इंटरनेट कर दिया गया है। वहीं सोशल मीडिया पर भी पाबंदी लगा दी गई है। ईरान सरकार ने विरोध प्रदर्शनों के पीछे बाहरी देशों का हाथ बताया है। सऊदी अरब के साथ ईरान के मतभेद जगजाहिर भी हैं। हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्वीट कर इन विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है।
अरब जगत में जिस तरह के हालात बन रहे हैं। ऐसे समय में ईरान में विरोध प्रदर्शनों का भड़कना एक बड़ी घटना है। अब देखने वाली बात होगी कि भविष्य में हालात किस तरफ मोड़ लेंगे ?